Skip to main content

independent

महात्मा जी आप तो ठीक ही कह रहे लेकिन समाज अब पर्दे में नहीं रह सकता हैं।
क्यों की किसी की आजादी छीनना यह कौन - सा धर्म है।
क्यों कि समाज स्वतंत्र रहना चाहता है।
कौन इंसान या बालक स्वतंत्र नहीं रहना चाहता।
सभी को स्वतंत्र रहने का अधिकार है।
किसी की स्वतंत्र को छीनना एक तरह का अपराध ही है।
क्यों की जब इंसान अपराध करता है तो उसकी आजादी छीनी जाती है परन्तु आप तो पहले ही छीन ले रहे है।
अर्थात सभी को समाज में रहने का अधिकार तो नहीं है परन्तु स्वतंत्र का अधिकार तो है
क्यों की समाज एक तरह का समुदाय है जिसमें अलग - अलग धर्म, जाती के लोग रहते है।
और उनमें ऊंचा - नीचा का भेद - भाव होता है।
जिससे लोगो में हीनता की भावना अती है।
सभी धर्म, जाती के लोगो को उनके इच्छ या आकांक्षा के अनुसार कार्य करने का अधिकार है परन्तु किसी का शारीरिक, मानसिक, अपमान न   हो। अगर होता है तो वे अपराध  में आएंगे।

Comments

Popular posts from this blog

PUBG Relounch in India by Krafton.

PUBG Relounch PUBG गेम को फिर से इंडिया में लौंच किया जा रहा है इस गेम को भारत सरकार ने बैन कर दिया था लेकिन इस गेम को फिर से रेलौंच किया जा रहा है क्रफ्तों कंपनी ने इस गेम को रेलौंच कर रही है यह गेम काफी लोकप्रिय है याक एक बैटल गेम है जिसमे १०० प्लेयर एक साथ ज्वाइन होते थे तथा चार चार टुकड़ियो में बाटे जाते थे गोली गगने पर REVIVE का आप्शन था बहुत ही मजा आता था लोगो को इस गेम को खेल कर बहुत ही जल्द फिर से ये गेम लोगो के लिए लोकप्रिय हो जायेंगा